सामग्री
हवन कुंड, कपास बाती, कुछ फूल, चावल के दाने, घी, हवन सामग्री , आम की लकड़ी , माचिस, कपूर, पंच मेवा, नारियल गोला
विधि –
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हवन करने वाली जगह को साफ करे ।
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एक टाइल / ईंट/बालू पर हवन कुंड रखें.
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हवन कुंड के बीच में, कपास बाती रखे और उसके चारों ओर कपूर फैलाये ।
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इसके पश्चात पतली लकड़ियों को बाती के चारों ओर रखे. फिर एक दुसरे को काटते हुए दूसरी लकड़ियाँ रखे. हर परत के साथ मोटाई में वृद्धि कर सकते हैंएक समय में सभी लकड़ी नहीं रखे । कुछ लकड़ियों को बचा ले, जिनका आप पूर्णाहुति और अन्य समय में आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं
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।एक थाली में हवन सामग्री निकाले और भेंट के लिए एक चम्मच के साथ एक अलग कटोरी में घी ले।
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थोड़ा दूर हवन कुंड से एक आसन पर बैठे जिससे आपको आंच परेशान ना करे और आहुति देने में भी सुविधा हो । यदि आप किसी बीमारी के भूतल पर बैठने में असमर्थ हैं, तो कुर्सी ले सकते है ।
- मंदिर / पूजा स्थान में दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- पहले गुरु और भगवान गणेश का ध्यान करे । इसके बाद देवी दुर्गा की सुंदर रूप पर अपना ध्यान केंद्रित करे ।
- अब अग्निदेव का ध्यान और आह्वाहन इस प्रार्थना के साथ करे कि वो आपकी आहुतियाँ स्वीकार करे और हवन कुंड के सामने फूल और चावल के दाने उनको समर्पित करें ।
- माचिस या अगरबत्ती के साथ हवन कुंड को प्रकाशित करे – ओम अग्नि देवाय नमः तीन बार मंत्र का उच्चारण भी कर सकते हैं।
- स्मरण रखे कि हवन सामग्री दाहिने हाथ के साथ ही समर्पित की जाती है और एकाग्रता के साथ अंत में स्वाहा शब्द का प्रयोग किया जाता है।
- ॐ गं गणपतये स्वाहा – पहली तीन आहुतियाँ इस मंत्र के साथ भगवान गणेश को समर्पित करें .
- अब नीचे लिखे अनुक्रम में देवो को एक बार आहुति दे –
- ओम कुल्देव्ये / कुल देवाय स्वाहा
- ओम स्थान देवाय स्वाहा
- ओम ग्राम देवाय स्वाहा
- ओम वास्तु देवाय स्वाहा
- ओम सूर्य देवाय स्वाहा
- ओम चंद्र देवाय स्वाहा
- ओम भौमाय स्वाहा
- ओम बुद्ध देवाय स्वाहा
- ओम गुरु देवाय स्वाहा
- ओम शुक्राय स्वाहा
- ओम शनि देवाय स्वाहा
- ओम राहवे स्वाहा
- ओम केतवे स्वाहा
इस के बाद महा मृत्युंजय मंत्र के साथ 27 बार आहुति दे –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वाहा ॥
- निम्नलिखित देवी मंत्र के साथ 108 बार हवन करे – “ओम एम् ह्रीं क्लीम चामुन्डाये विच्चये स्वाहा “
- शेष हवन सामग्री, घी और पञ्च मेवा के साथ नारियल गोला भरें। नारियल गोले को थोड़ा ऊपर से काट ले और सामग्री भरने के पश्चात उसको ढक्कन की तरह बंद कर ले। निम्नलिखित मंत्र के साथ हवन कुंड में आहुति दे –
” ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदम् पूर्णात् पूर्णमुदच्यते
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ओम स्वाहा “
- ॐ आचमनं समर्पयामि मन्त्र के साथ हवन के चारो ओर जल का छिडकाव करे।
- देवी की आरती करे ।
- ॐ शांति शांति शांति ओम कहते हुए साष्टांग दंडवत प्रणाम करे ।